
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका द्वारा भारत पर कुल 50% टैरिफ लागू करने की घोषणा के जवाब में स्पष्ट रूप से कहा कि वे किसानों, मत्स्यपालकों, डेयरी उधमियों आदि के हितों पर किसी भी परिस्थिति में समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “देश के लिए कीमत चुकाने को तैयार हूँ।”
यह प्रतिक्रिया उनकी एम.एस. स्वामीनाथन मेमोरियल सम्मेलन की उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए सामने आई। इस बयान के साथ, भारत सरकार ने यह संदेश दिया कि वह देश की संप्रभुता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।
वहीं विपक्ष ने इस कदम को “विदेश नीति की विफलता” और “आर्थिक ब्लैकमेल” बताया। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर ने मिलकर केंद्र सरकार को दृढ़ता बनाए रखने और निर्यात बाज़ारों में विविधता बढ़ाने की सलाह दी।
आर्थिक दृष्टिकोण से, इस टैरिफ से अप्रत्यक्ष रूप से जीडीपी पर दबाव पड़ने की आशंका है। मछली एवं समुद्री खाद्य उद्योग जिस पर विशेष निर्भर करता है, उसे भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
भारत इस स्थिति का सामना करते हुए वार्ता के द्वार खोलने, तेल आपूर्ति में विविधीकरण और BRICS सहयोग बढ़ाने जैसे विकल्पों पर विचार कर रहा है।